Period come faster by yoga महिलाओं में मासिक धर्म का नियमित रूप से आना स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेत है। लेकिन कई बार तनाव, असंतुलित जीवनशैली, हार्मोनल असंतुलन, और अन्य कारणों से पीरियड्स में देरी हो सकती है। योग एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका हो सकता है जिससे मासिक धर्म को नियमित किया जा सके। योगासन न केवल शारीरिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं, जो मासिक चक्र के संतुलन में मददगार साबित हो सकता है।
पीरियड्स लाने में हेतु योगासन:
1. भुजंगासन (Cobra Pose)
- कैसे करें: पेट के बल लेटकर हाथों को कंधों के पास रखें। धीरे-धीरे अपने सिर और छाती को ऊपर उठाएं, जबकि पेट और पैर जमीन पर टिके रहें। गहरी सांस लें और इस स्थिति में कुछ समय तक रुकें।
- लाभ: यह आसन पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है और रक्त प्रवाह में सुधार करता है, जिससे मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में सहयोग मिलती है।
2. धनुरासन (Bow Pose)
- कैसे करें: पेट के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैरों को हाथों से पकड़ें। धीरे-धीरे शरीर को धनुष के आकार में खींचें, सांस अंदर लें और थोड़ी देर इस मुद्रा में रुकें।
- लाभ: यह आसन गर्भाशय और पेट के हिस्से को ठीक करता है, जिससे पीरियड्स को समय पर लाने में बेहतर लाभ होती है।
3. मालासन (Garland Pose)
- कैसे करें: पंजों के बल बैठें, अपने हाथों को प्रार्थना मुद्रा में जोड़ें और अपनी कोहनी से घुटनों को फैलाएं। पीठ सीधी रखें और इस मुद्रा में कुछ समय तक रहें।
- लाभ: यह आसन पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करता है।
4. सुप्त बद्धकोणासन (Reclining Bound Angle Pose)
- कैसे करें: पीठ के बल लेटें, पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ मिलाएं। घुटनों को जितना संभव हो बाहर की ओर फैलाएं और हाथों को आराम से बगल में रखें।
- लाभ: यह आसन गर्भाशय को रिलैक्स करता है और पीरियड्स को लाने में सहायक होता है।
5. बालासन (Child’s Pose)
- कैसे करें: घुटनों के बल बैठें, शरीर को आगे की ओर झुकाएं और अपने माथे को जमीन से लगाएं। हाथों को आगे की ओर फैलाएं।
- लाभ: यह आसन तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे मासिक धर्म में होने वाली देरी का समस्या कम रहती है।
प्राणायाम:
1. नाड़ी शोधन प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing)
- यह प्राणायाम मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को दूर करता है, जो मासिक चक्र को नियमित करने में सहायक होता है।
2. कपालभाति (Skull Shining Breath)
- पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे मासिक धर्म को नियमित किया जा सकता है।
अन्य उपाय:
- संतुलित आहार: आयरन और कैल्शियम से भरपूर आहार लेने से मासिक चक्र को सामान्य बनाने में मदद मिलती है।
- हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है, क्योंकि शरीर में तरल की कमी से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
- तनाव को नियंत्रित करें: तनाव मासिक चक्र को प्रभावित करता है, इसलिए योग के साथ-साथ ध्यान (Meditation) का अभ्यास करें।
निष्कर्ष:
योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास शरीर और मस्तिष्क को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे पीरियड्स की अनियमितता को दूर किया जा सकता है। लेकिन अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।